
भारत में दीपावली (Diwali) सिर्फ एक त्योहार नहीं है, बल्कि यह एक समृद्धि और आध्यात्मिकता का उत्सव है। इस मौके पर माता लक्ष्मी (Lakshmi) और भगवान गणेश की पूजा की जाती है, जिससे घर में सुख, शांति और धन-वैभव की वृद्धि हो सके।
Diwali Puja Muhurat 2025 का सही समय जानना इसलिए जरूरी है क्योंकि लक्ष्मी पूजा तभी फलदायी होती है जब इसे शुभ मुहूर्त में किया जाए। चलिए जानते हैं दीपावली की तारीख, शुभ मुहूर्त, पूजा की विधि, उसके महत्व और कुछ विशेष ज्योतिष एवं वास्तु सुझाव।
Today Diwali Puja Muhurat: इस वर्ष दीपावली 2025 (Diwali 2025) सोमवार, 20 अक्टूबर 2025 को मनाई जाएगी। यह दिन कार्तिक अमावस्या का होगा।
| विवरण | समय (IST) |
| अमावस्या तिथि प्रारंभ | 20 अक्टूबर 2025, दोपहर 3:44 बजे |
| अमावस्या तिथि समाप्त | 21 अक्टूबर 2025, शाम 5:54 बजे |
| प्रदोष काल | 5:58 PM – 8:25 PM |
| वृषभ काल | 7:08 PM – 9:03 PM |
| Lakshmi Puja Muhurat 2025 | 7:08 PM – 8:18 PM |
नोट:
Drik Panchang और अन्य प्रमुख पंचांगों के अनुसार लक्ष्मी पूजा का सर्वोत्तम समय Diwali Puja Time शाम 7:08 बजे से 8:18 बजे तक रहेगा। यह सम्पूर्ण भारत के लिए सबसे शुभ समय माना गया है।
| शहर | शुभ मुहूर्त |
| New Delhi | 7:08 PM – 8:18 PM |
| Mumbai | 7:41 PM – 8:41 PM |
| Pune | 7:38 PM – 8:37 PM |
| Jaipur | 7:17 PM – 8:25 PM |
| Hyderabad | 7:21 PM – 8:19 PM |
| Chennai | 7:20 PM – 8:14 PM |
| Kolkata | (21 अक्टूबर) 5:06 PM – 5:54 PM |
कुछ स्थानों पर अमावस्या का पर्व अगले दिन तक बना रहता है, इसलिए कोलकाता और पूर्वोत्तर भारत में लक्ष्मी पूजा 21 अक्टूबर को की जाएगी।
दीपावली के दिन भगवान श्रीराम ने चौदह वर्षों का वनवास पूरा कर अयोध्या में प्रवेश किया। उनके स्वागत के लिए अयोध्यावासियों ने दीप जलाए।
समुद्र मंथन के समय इसी दिन देवी लक्ष्मी प्रकट हुईं और भगवान विष्णु को अपने पति के रूप में स्वीकार किया। इसलिए इस दिन को लक्ष्मी पूजा के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है।
जैन धर्म के अनुसार, यह दिन आत्मज्ञान और मोक्ष का प्रतीक है।
दीपावली अंधकार पर प्रकाश की, और अज्ञान पर ज्ञान की विजय का प्रतीक है।
लक्ष्मी पूजा केवल धन की देवी की आराधना नहीं है, बल्कि यह संपन्नता, सदाचार और आंतरिक समृद्धि का प्रतीक है। कहा जाता है कि अगर दीवाली पूजा मुहूर्त 2025(Diwali Puja Muhurat 2025) में श्रद्धा और पवित्रता से की जाए, तो देवी लक्ष्मी स्थायी रूप से घर में निवास करती हैं।
इस दिन गणेश जी (बुद्धि), लक्ष्मी जी (धन), और कुबेर जी (वैभव) — तीनों की पूजा साथ में करनी चाहिए।
स्नान करें, शुद्ध वस्त्र पहनें और गंगाजल का छिड़काव करें।
“ॐ गं गणपतये नमः” मंत्र से भगवान गणेश को आमंत्रित करें।
धन के देवता कुबेर की पूजा करें — “ॐ यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय नमः”।
देवी लक्ष्मी की मूर्ति या चित्र के समक्ष दीपक जलाएं, पुष्प, चावल, फल, मिठाई अर्पित करें।
इस मंत्र का कम से कम 108 बार जाप करें।
लक्ष्मी जी और गणेश जी की आरती करें। फिर परिवार को प्रसाद बाँटें।
जरूरतमंद लोगों को कपड़े, खाने या पैसे दें। घर के हर कोने में दीपक जलाएं।
दीपावली पूजा के लिए आवश्यक पूजा सामग्री को पहले से तैयार रख पाना बहुत महत्वपूर्ण है, ताकि लक्ष्मी पूजा विधि के अनुसार संपन्न हो सके। आमतौर पर पूजा में इन चीजों का इस्तेमाल होता है—
इन सभी सामग्री के माध्यम से दीवाली पूजा 2025(Diwali Puja 2025) में मां लक्ष्मी, भगवान गणेश, और कुबेर देव की विधिपूर्वक पूजा की जाती है, जिससे घर में धन, भाग्य और सकारात्मक ऊर्जा आती है।
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दीपावली का असली अर्थ सिर्फ धन अर्जित करना नहीं, बल्कि प्रेम, ज्ञान और सकारात्मकता फैलाना है।
बच्चों को यह सिखाएं कि यह त्योहार भक्ति, नैतिकता और आभार का प्रतीक है।
सम्पूर्ण परिवार के साथ मिलकर लक्ष्मी पूजा करें — यही दीपावली की असली भावना है।
दीपावली, जिसे प्रकाश का उत्सव कहा जाता है, भारतीय परंपरा का एक विशेष और पवित्र पर्व है। यह अवसर केवल घरों को उजाला देने का नहीं, बल्कि मन की अंधकार को दूर करके आत्मा में ज्ञान का प्रकाश पैदा करने का प्रतीक है।
2025 में दीपावली का उत्सव 20 अक्टूबर (सोमवार) को मनाया जाएगा। इस दिन का मुख्य आकर्षण — Diwali Puja 2025 लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त — शाम 7:08 बजे से 8:18 बजे तक होगा। इस समय के दौरान यदि माँ लक्ष्मी की विधिपूर्वक पूजा की जाए, तो धन, खुशी और prosperities की प्राप्ति होती है।
दीपावली हमें यह सिखाती है कि वास्तविक समृद्धि केवल धन के माध्यम से नहीं, बल्कि अच्छे आचरण, ज्ञान, दया और परिवार के प्रेम से मिलती है। इसलिए जब भी आप दीप जलाएँ, अपने घर को रोशन करने के साथ-साथ अपने दिल को भी प्रकाशित करें। जरूरतमंदों की मदद करें, पर्यावरण का ध्यान रखें, और हर इंसान में देवी लक्ष्मी की दृष्टि देखें — यही असली लक्ष्मी पूजा का अर्थ है।
नहीं, यह शहर के अनुसार भिन्न होता है। स्थानीय पंचांग पर ध्यान दें।
नहीं, गणेश, कुबेर और लक्ष्मी तीनों की पूजा करना सबसे अच्छा है।
पूजा प्रदोष काल (7:08 PM – 8:18 PM) में करना चाहिए।
हाँ, संध्या में कम से कम एक सप्ताह तक दीप जलाना शुभ माना जाता है।
2025 में लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहर्त 20 अक्टूबर 2025, शाम 7:08 बजे से 8:18 बजे तक रहेगा। यह समय प्रदोष काल और वृषभ लग्न में आता है, जिसे लक्ष्मी पूजा के लिए अनुकूल माना जाता है।
लक्ष्मी पूजा दीपावली के तीसरे दिन, अर्थात् मुख्य दीपावली (कार्तिक अमावस्या) के दिन की जाती है। इस दिन माँ लक्ष्मी, भगवान गणेश और कुबेर देव की पूजा का विशेष महत्व होता है।
भारत में मुख्य दीपावली (लक्ष्मी पूजा) 20 अक्टूबर 2025, सोमवार को मनाई जाएगी। हालाँकि, पूर्वोत्तर भारत और कोलकाता जैसे क्षेत्रों में अमावस्या तिथि अगले दिन तक रहेगी, इसलिए वहाँ पूजा 21 अक्टूबर को की जाएगी।
लक्ष्मी पूजा में शुद्ध, ताजे और मीठे फलों का अर्पण शुभदायक माना जाता है। आमतौर पर ये पाँच फल अर्पित किए जाते हैं:
ये सभी फल माँ लक्ष्मी को प्रिय हैं और समृद्धि के प्रतीक माने जाते हैं।
साल 2025 में दिवाली का सही दिन 20 अक्टूबर 2025 (सोमवार) है। इस दिन पूरे देश में Diwali Puja Muhurat 2025 के अनुसार माता लक्ष्मी की पूजा की जाएगी।